अनार
अनार एक
फल हैं, यह लाल
रंग का होता है। इसमें सैकड़ों लाल रंग के छोटे पर रसीले दाने होते हैं। अनार
दुनिया के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण
फल है। भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पाए जाते हैं। सबसे
पहले अनार के बारे में रोमन भाषियों ने पता लगाया था। रोम के निवासी अनार को
ज्यादा बीज वाला सेब कहते थे। भारत में अनार को कई नामों में जाना जाता है।
बांग्ला भाषा में अनार को बेदाना कहते हैं, हिन्दी में अनार, संस्कृत
में दाडिम और तमिल में मादुलई कहा जाता है। अनार के पेड़ सुंदर व छोटे आकार के
होते हैं। इस पेड़ पर फल आने से पहले लाल रंग का बडा फूल लगता है, जो हरी
पत्तियों के साथ बहुत ही खूबसूरत दिखता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह फल लगभग
३०० साल पुराना है। यहूदी धर्म में अनार को जननक्षमता का सूचक माना जाता है, जबकि
भारत में अनार अपने स्वास्थ्य सम्ब्न्धी गुण के कारण लोकप्रिय है।
अनार
में प्रचुर मात्रा में लाभदायक प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन
और खनिज पाए जाते हैं। १०० ग्राम अनार खाने पर हमारे शरीर को लगभग ६५ किलो कैलोरी
ऊर्जा मिलती है। [Lower
– 214] अनेक आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में भी अनार का प्रयोग किया
जाता है। इसके बीजों से निकले तेल का प्रयोग औद्योगिक क्षेत्र में किया जाता है।
अनार के पेड़ की लकड़ी बहुत मजबूत होती है। आमतौर पर इसकी लकड़ी का प्रयोग टहलते
समय काम में लाई जाने वाली छड़ी बनाने में किया जाता है। इस पर किए गए अध्ययनों से
पता चलता है कि अनार रक्तसंचार वाली बीमारियों से लड़ता है, उच्च
रक्तचाप को घटाता है,
सूजन और जलन में राहत पहुँचाता है, गठिया
और वात रोग की संभावना घटाता और जोड़ों में दर्द कम करता है, कैंसर
की रोकथाम में सहायक बनता है, शरीर के बुढ़ाने की गति धीमी करता है और महिलाओं में
मातृत्व की संभावना और पुरुषों में पुंसत्व बढ़ाता है। अनार को त्वचा के कैंसर, स्तन-कैंसर, प्रोस्टेट ग्रंथि के कैंसर और पेट में अल्सर की संभावना
घटाने की दृष्टि से भी विशेष उपयोगी पाया गया है। [Higher - 363] अमरीकी
डॉक्टरों की एक पत्रिका ने हाल ही में लिखा कि अनार का रस वृद्धावस्था में सठिया
जाने के अल्सहाइमर रोग की संभावना भी घटाता है।
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